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लेखनी प्रतियोगिता -14-Nov-2022 नन्हे कदम

जब ईश्वर की मेहरबानी होती है 
नन्हे कदमों की अगवानी होती है 
हर चेहरे पर मुस्कुराहट सजती है 
नन्ही सी जान सपनों में पलती है 

नई आशा अंगड़ाई लेने लगती है 
खुशी घर में दस्तक देने लगती हैं 
गर्भ का तेज मुखड़े पर फैलता है 
जिंदगी  करवटें  बदलने लगती है 

मेहमानों के साथ खिलौने आते हैं 
लोरी किलकारी दरबार सजाते हैं 
उसका पहला रुदन सुनाई देता है 
तो घरवालों के चेहरे खिल जाते हैं 

घुटने चलता है तो पैंजनीं बजती हैं 
एक मुस्कान पर दुनिया संवरती है 
गोद में लेने के लिए बाहें मचलती हैं 
मां बनकर ही कोई स्त्री पूर्ण बनती है 

श्री हरि 
14.11.22 


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15 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 07:31 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Punam verma

15-Nov-2022 08:35 AM

Very nice

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Nice 👌🌺

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